नई दिल्ली: पीडीपी के साथ मिलकर सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. सीजफायर सहित कई मुद्दों पर दोनों ही पार्टियों में काफी दिनों से टकराव चल रहा था.
आज ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महबूबा मुफ्ती सरकार में शामिल बीजेपी कोटे के सभी मंत्रियों और राज्य के सभी बड़े नेताओं को दिल्ली में आपात बैठक के लिये बुलाया था. इसी बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी अमित शाह से मुलाकात की है. इसके बाद बीजेपी ने समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया.
बीजेपी की ओर से समर्थन वापसी की चिट्ठी जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल को सौंप दिया गया है. शाम को 4 बजे जम्मू-कश्मीर की महबूबा मुफ्ती भी प्रेस कांन्फ्रेंस करेंगी. वहीं महबूबा मुफ्ती ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
मिल रही है जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने पीडीपी को इस बात की भनक तक लगने नहीं दी और सरकार से समर्थन वापस ले लिया. माना जा रहा है कि रमजान के बाद सीजफायर का फैसला वापस लेने के बाद से पीडीपी और बीजेपी के बीच गहरे मतभेद थे.
बीजेपी ने की राज्यपाल शासन की मांग
जम्मू कश्मीर बीजेपी के प्रभारी राम माधव ने कहा कि बीजेपी ने यहां पर राष्ट्रपति शासन की मांग की है. उन्होंने कहा कि अब राष्ट्रपति शासन से ही प्रदेश में हालत सुधरने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि सरकार से समर्थन वापसी के बावजूद प्रदेश में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेगा.
गौरतलब है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जम्मू कश्मीर के सभी बीजेपी मंत्रियों और प्रदेशाध्यक्ष को नई दिल्ली बुलाया था। ऐसा माना जा रहा था कि बीजेपी-पीडीपी गठबंधन पर अमित शाह कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. (डेमो पिक)