लखीमपुर हिंसा मामलें में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे को आशीष मिश्रा को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. चुनावी माहौल में आशीष मिश्रा को जमानत मिलने पर अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या इससे किसी पार्टी का कोई फायदा होगा. तिकोनिया निघासन विधानसभा क्षेत्र में पिछले साल तीन अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के एक तल्ख बयान और तीन नए कृषि कानूनों के किसानों के विरोध के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे. इस मामले में टेनी के बेटे आशीष को मुख्य अभियुक्त के तौर पर गिरफ्तार किया गया था.
हिंसा के मामले में SIT ने चार्जशीट फाइल की थी. 5000 पन्नों की इस चार्जशीट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू भइया को मुख्य आरोपी बनाया गया है. आशीष मिश्रा समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है. पिछले साल 3 अक्टूबर को आशीष मिश्रा के समर्थकों और किसानों के बीच संघर्ष के दौरान 8 लोगों की मौत हो गई थी. विवेचक ने आशीष मिश्रा समेत अन्य आरोपियों को हत्या का आरोपी बनाया है. चार्जशीट के मुताबिक, सोची समझी साजिश के तहत धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों को जीप और SUV से कुचला गया था
208 लोगों ने दी गवाही
जांच में एसआईटी को 17 वैज्ञानिक साक्ष्य, सात भौतिक साक्ष्य और 24 वीडियो फोटो ऐसे मिले, जिससे आरोपियों की मुश्किलें बढ़ी. इसके अलावा 208 लोगों ने गवाही दी. इसी आधार पर एसआईटी ने अपनी चार्जशीट लिखी है. गवाहों ने एसआईटी को बताया कि मंत्री का बेटा आशीष घटनास्थल पर मौजूद था. आशीष मिश्रा और उसके साथियों के खिलाफ किसानों की तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर हत्या, हत्या के प्रयास समेत कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
एक न्यूज चैनल के रिपोर्टर रमन कश्यप की लखीमपुर खीरी हिंसा में मौत हो गई थी. असल में कथित तौर पर बीजेपी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे ने चार किसानों को अपनी कार से रौंद दिया था और इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी. इसके बाद आक्रोशित किसानों ने कई वाहनों में आग लगा दी और चार लोगों को पीट पीट कर मार दिया. जिसमें रमन कश्यप भी शामिल थे. किसानों ने एक ड्राइवर और दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की भी पीट पीट कर हत्या कर दी थी. वहीं अभी इस मामले का कोर्ट में कार्यवाही चल रही है.