वाराणसी: भागम भाग और टेंशन से भरी लाइफ में छोटी छोटी समस्याएं कब आपको बीपी का मरीज बना देती हैं, इस बात का पता ही नहीं चलता। धीरे धीरे यह रोग बढ़कर जब जटिल हो जाता है तब इसका पता चलता है। इसके इलाज़ के बहुत से तरीके है जिनमे आहार, विहार, योग शामिल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और जितने भी है पेरटेंशन से जुड़ी संस्थान है सभी का यही मानना है कि किसी भी व्यक्ति को हैपरटेंशन की दवा देने से पहले उसे आहार-विहार और योग द्वारा तथा लाइफस्टाइल सही करा कर ठीक करने के कोशिश करनी चाहिए।
तो आज हम इस पर चर्चा कर है चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के वैद्य डॉ अजय कुमार से की वो कौन से उपाय है जिनके द्वारा हम बिना किसी दवा के भी अपना ब्लड प्रेशर नियंत्रित कर सकते है-
हैपरटेंशन मूल रूप से लाइफ स्टाइल जन्य बीमारी है। इसका मतलब अगर हम अपने लाइफ स्टाइल को सहि कर ले तो इसपर नियंत्रण पाया जा सकता है। आइये देखते है किन उपायों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है-
1. हाइपरटेंशन का सबसे प्रमुख कारण है तनाव । तनाव को दूर करने के लिए योग, प्राणायाम और योगनिद्रा के अलावा अनुलोम-विलोम का प्रयोग भी कर सकते हैं।
2. इसके रोगियो को कम नमक वाली चीज़ें ही खाना चाहिए।हो सके तो सेंधा नमक का प्रयोग करें।
3. खाने में सब्ज़ियों और फलों की मात्रा बढ़ाना भी फायदेमंद होते हैं।
4. डिब्बा बंद, बासी, ज़्यादा तला हुआ, मिर्च-मसालेदार खाना का सेवन नहीं करना चाहिए।
5. खुद को तनावमुक्त और शांत रखने के लिए नियमित रूप से सुबह टहलने के लिए जाएं।
6. चिंता, भय और क्रोध से खुद को दूर रखे।
ब्लड प्रेसर में लाभदायक योगासन-
अगर आप भी हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी से परेशान है तो नियमित रूप से यहां बताये गए योगासन को करने से निश्चित रुप से ब्लड प्रेसर नियंत्रण में आ जाएगा…..
1. शवासन- शवासन को यदि रेगुलर 20 मिनट किया जाये तो हाई ब्लड प्रेशर नार्मल होता है। इसे करने के लिए पीठ के बल लेटकर जाएं और दोनों पैरों को इस प्रकार फैला ले जिससे पैर के पंजे बाहर और एडि़यां अंदर की तरफ रहे। दोनों हाथों को शरीर के बगल में सीधा फैला लें। अब आंखें बंद करें और पैर के अंगूठे से सिर तक का भाग ढीला छोड़ दें। अब ध्यान अपनी सांस प्रक्रिया पर लगाएं। धीरे धीरे ध्यान अंगूठे से ऊपर की तरफ लाये और एक एक अंग को शिथिल करते रहे। इसी स्थिति में कुछ समय तक बने रहे।
2. सुखासन- यह एक बहुत ही आसान विधि है। इस आसन को करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है तथा उच्च रक्तचाप को भी इस आसन द्वारा नियंत्रित रख सकते है। सुखासन को करने के लिए सबसे पहले पैरों को सीधे करके बैठ जाएं। फिर बाएं पैर को मोड़े और दाएं पैर की जांघ पर या दायं पैर के घुटने के नीचे रखें जिसमे आपको आसानी हों। अब दाएं पैर को मोड़ें और बाएं पैर की जांघ के नीचे या अपने बाएं पैर के घुटने के नीचे रखें। दोनों हाथों को ध्यान की मुद्रा में घुटनों पर रखें। आंखे बंद कर लें और पूरे शरीर को ढीला रखें। इस आसन को आप 10-12 मिनिट या अपनी क्षमता के अनुसार करें।
3. पश्चिमोत्तानासन- इस आसन के द्वारा उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते है। यह आसन तनाव को कम करने के साथ साथ मन को शांति भी प्रदान करता है। इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर बैठ जाएं और अपने पैरों को आगे की ओर फैला लें। सांस अंदर लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं फिर सांस को छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और हथेलियों को पैरों की उंगलियों की ओर ले जाएं। सांस को थोड़ी देर रोकें और पैर के पंजों को कुछ सेकंड तक पकड़े रहें। धीरे-धीरे सांस लें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इसे करीब 3 से 5 बार दोहराएं।
4. शीतली प्राणायाम- इस प्राणायाम को करने से भी उच्च रक्तचाप नियंत्रित रहता है। इससे मन शांत रहता है और इससे क्रोध को भी नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। इस प्राणायाम को करने के लिए सबसे पहले सुखासन की स्तिथि में बैठ जाएं। इसके पश्चात अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। अपनी आंखें मूंद कर मन-मस्तिष्क को शांत रखे। जिह्वा को मोड़कर नली का आकार बना लें। नली के आकार की जिह्वा से श्वास अंदर खींचकर फेफड़ों को अपनी पूरी क्षमता के साथ भर लें और मुंह बंद कर लें। इससे पूरे शरीर में शीतलता आती है और मन शांत होता है। प्रारम्भ में इसे 10 से 15 बार करें और फिर धीरे धीरे इसे प्रतिदिन 10 से 15 मिनट तक करें।