J&K: बड़ी शिद्दत से बेटे से मिलने की बाट जोह रहे जवान औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ को रत्ती भर भी अंदाजा नहीं था कि उन्हें अपने जिगर के टुकड़े की शहादत की खबर मिलेगी।
ईद और फादर्स डे पर छुट्टी लेकर घर लौट रहे सेना की राष्ट्रीय राइफल के जवान औरंगजेब की आतंकियों ने पुलवामा में अपहरण का हत्या कर दी थी।
जांबाज बेटे से मिलने की आरजू सीने में दफन कर चुके हनीफ के गुस्से का बांध शनिवार को टूट गया। शहीद के पिता पूर्व सैनिक मुहम्मद लतीफ का कहना है कि यह सरकारें अपनी कुर्सी बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं। मैंने अपना बेटा खोया है जो गया मेरा गया। बाकी किसी का कुछ भी नहीं गया। जो अधिकारी और राजनेता मेरे पास आकर अपनी संवेदना प्रकट कर रहे हैं वे भी एक-दो दिन के बाद आना बंद कर देंगे। मेरा बेटा कभी भी नहीं आएगा, लेकिन जिन आतंकवादियों ने उसे मारा है उनको को जल्द ढेर किया जाए।
हनीफ ने यह भी कहा कि अगर 72 घंटे में ऐसा नहीं हुआ तो मैं खुद बेटे की शहादत का बदला लूंगा। उन्होंने कहा, मेरे बेटे ने देश के लिए जान कुर्बान की है। केंद्र और
राज्य सरकार को आतंकवाद के खात्मे के लिए ठोस कदम उठाने ही होंगे।