सिया राम ..राम नाम सत्य है..डाक विभाग का कारनामा

डाक विभाग ने मरा बता भेजा संदेश, मातम मनाने लगे लोग, हाजिर होकर शख़्स ने कहा “जिंदा हूँ मैं”

आशुतोष त्रिपाठी

वाराणसी। नाम- सिया राम मिश्र, उम्र 47 वर्ष, पता- राजमंदिर शीतलाघाट वाराणसी। यह परिचय है उस शख्स का जिसे डाक विभाग ने एक महीने पहले मृत घोषित कर संदेश भेज दिया था संबंधियों को। नतीजतन उनकी नौकरी जाते-जाते बच गई। परिजनो और संबंधियों को जो मानसिक पीड़ा पहुंची वो अलग।

इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार सिया राम मिश्र ने बताया कि उनके मीडिया कार्यालय और अन्य संस्थाओ से अक्सर डाक पत्र आता था लेकिन 22 मई से पत्र मिलना बंद हो गया। प्रारंभ में उन्हें कुछ समझ में नहीं आया कि क्यों पत्र मिलना बंद हुआ है।

बाद में जब पता चला तो हम दंग रह गए। सिया राम मिश्र जी के मुताबिक उनके मीडिया कार्यालय से एक पत्र उन्हे भेजा गया था। डाक विभाग ने 28 मई 2018 को उनके कार्यालय को यह लिख कर भेज दिया कि “22 मई को प्राप्तकर्ता की मृत्यु हो गयी है। (“सियाराम राम नाम सत्य हो गए”)

कार्यालय मे उनके मृत्यु का संदेश पढ़ उनके संबंधी मित्र और कर्मचारी शोकाकुल होकर मातम मनाने लगे। दुःख प्रकट करने के लिए जब सहकर्मियों ने उनके घर फोन किया तब पता चला कि सियाराम जी जिंदा है।

डाक विभाग की लापरवाही से आहत सियाराम जी हेड पोस्टमास्टर के यहां हाजिर होकर शिकायत की और कहा कि “साहब हम जिंदा है”।

फिलहाल जिंदा होने के बावजूद डाक विभाग ने सियाराम जी को कैसे मृत घोषित कर दिया, यह जांच और कार्यवाही का विषय है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *