चंदौली का काला चावल : पूरा होने लगा किसानों की आय दोगुना करने का पीएम-सीएम का सपना

प्रधानमंत्री एक्सीलेंस अवार्ड प्राप्त कर चुका है चंदौली का काला चावल 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने ब्लैक राइस को ओडीओपी में किया है शामिल

अन्तरराष्ट्रीय मानक पर खरा उतरने के लिये किसानों को दी जा रही है ट्रेनिंग

चंदौली का काला चावल गल्फ और ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य देशों में हो चुका है निर्यात

अंतरराष्ट्रीय संस्था यूएनडीपी ने भी की है चंदौली के काला चावल की सराहना 

चंदौली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प पूरा होते दिख रहा है। धान का कटोरा कहा जाने वाला पूर्वी उत्तर प्रदेश का चंदौली जिला शुगर फ्री और औषधीय गुणों से भरपूर ब्लैक राइस के उत्पादन के लिए भी जाना जाने लगा है। सरकार इसके पैदावार और मार्केटिंग में किसानों की मदद तो कर ही रही है, साथ ही ब्लैक राइस के वर्ल्ड क्लास उत्पादन के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाये जा रहे हैं। 

2018 में पहली बार शुरू हुई थी खेती- 

प्रधानमंत्री एक्सीलेंस अवार्ड प्राप्त कर चुके काला चावल का विदेशों में भी निर्यात हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्लैक राइस को चंदौली जनपद का वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट (ओडीओपी) उत्पाद भी घोषित किया हुआ है। नाबार्ड द्वारा स्पॉन्सर्ड चंदौली के ब्लैक राइस फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के डायरेक्टर शशिकांत राय ने बताया कि 2018 में काला चावल की खेती की शुरुआत महज 25 प्रगतिशील किसानों के साथ से हुई थी। अब इनकी संख्या 600 के पार हो चुकी है। 

आज गल्फ और ऑस्ट्रेलिया भेजा जा रहा काला चावल उन्होंने बताया कि चंदौली में आज के समय में लगभग 400 हेक्टेयर से अधिक एरिया में काला चावल की खेती हो रही है। अभी तक 3400 कुंतल की पैदावार हो चुकी है। इसके अलावा करीब 1600 कुंतल काला चावल गल्फ देश, ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य देशों में निर्यात किया जा चुका है। यही नहीं घरेलू बाजार में भी इसकी अच्छी डिमांड है।

 इंटरनेशनल स्टैंडर्ड मेंटेन रखने के लिये चल रहा ट्रेनिंग प्रोग्राम- 

शशिकांत राय के अनुसार शुरुआत में ब्लैक राइस की क्वालिटी को लेकर कुछ दिक्कतें भी सामने आयी थीं। फिलहाल हम कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, उद्योग विभाग तथा बैंकों के साथ मिलकर किसानों को ट्रेनिंग दे रहे हैं, जिससे चंदौली के ब्लैक राइस की डिमांड ग्लोबल मार्केट में बढ़ायी जा सके और हम इंटरनेशनल क्वालिटी को मेंटेन रख सकें। हाल ही में हमने 100 किसानों का 10 दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाया है। हमारा जोर गोबर से निर्मित ऑर्गेनिक खाद की मदद से उत्पादन को बढ़ाना है।

चंदौली के साथ अब इन जिलों के किसान भी कर रहे उत्पादन-

शशिकांत राय के अनुसार निर्यात किए हुए काला चावल की रकम फार्मर प्रोडूसर कंपनी के खाते में आती है और यहां से किसानों के खाते में इसे ट्रांसफर किया जाता है। योगी सरकार 2019 से ही चंदौली काला चावल कृषक समिति का गठन करके इसके लिए बाजार भी उपलब्ध करा रही है। चंदौली के किसानों की सफलता और मुनाफे को देखते हुए अब प्रयागराज, मिर्जापुर, सोनभद्र, बलिया और गाज़ीपुर समेत कई जिलों में इसकी खेती शुरू हो गयी है।


पीएम मोदी कर चुके हैं काला चावल की सराहना बता दें कि पीएम नरेन्द्र मोदी भी काला चावल की खेती और इसके उत्पादक किसानों की सराहना कर चुके हैं। वर्ष 2019 -20 में इसे प्रधानमंत्री एक्सीलेंस अवॉर्ड भी मिल चुका है। साथ ही योगी सरकार चंदौली का काला चावल नाम से इसकी ब्रांडिंग भी करती है। ब्लैक राइस की खेती करने के लिए जिला प्रशासन की और से इससे संबंधित अपडेट वैज्ञानिक जानकारी भी किसान सम्मेलनों के माध्यम से समय समय पर दी जा रही है।