जून अंत तक तैयार हो जाएगा रामनगर का शास्त्री घाट  

द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम से उनके पैतृक आवास के नजदीक गंगा के कच्चे घाट को पक्का बनवा रही योगी सरकार 

वाराणसी के रामनगर स्थित पूर्व प्रधानमंत्री के आवास का पुनरुद्धार करा पहले ही संग्रहालय बनवा चुकी है डबल इंजन की भाजपा सरकार 

घाट के निर्माण में हेरिटेज लुक दिखाने का दिया गया है विशेष ध्यान 

रत्नेश राय

वाराणसी: योगी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम से उनके पैतृक आवास के नजदीक गंगा के कच्चे घाट को पक्का घाट बनवा रही है। वाराणसी के रामनगर स्थित उनके आवास का पुनरुद्धार करा डबल इंजन की भाजपा सरकार पहले ही संग्रहालय बनवा चुकी है । रामनगर स्थित शास्त्री घाट को श्रद्धालुओं के लिए अत्याधुनिक सुविधा के साथ सौंदर्यीकरण भी किया जा रहा। चुनार के पत्थरों से बना घाट हेरिटेज लुक का होगा। घाट का निर्माण जून अंत तक प्रस्तावित है। 

जय जवान ,जय किसान का नारा देने वाले भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के सम्मान में पूर्व की सरकारों ने कोई ठोस और ख़ास कदम नहीं उठाया। योगी सरकार उनके घर के करीब राजा रजवाड़ों की तरह सुविधायुक्त  पक्के शास्त्री घाट का निर्माण करवा रही है। यह कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि  शास्त्री घाट के निर्माण में हेरिटेज लुक दिखाने का विशेष ध्यान दिया  गया है, जिससे आसपास के ऐतिहासिक किले और इमारतों से घाट का वास्तुशिल्प मिलता जुलता दिखाई दे। पत्थर का चेंजिंग रूम, स्टोन कटिंग की जालीदार 2 गाज़ीबो, पालकी नुमा बैठने का स्थान और रेलिंग बन चुकी है। घाट के निर्माण में हेरिटेज लाइट और हरियाली का विशेष ध्यान दिया गया है। घाट का निर्माण लगभग 97 प्रतिशत पूरा हो चुका है। इसके इस महीने के अंत तक पूरा होने की संभावना है। 

उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन के परियोजना प्रबंधक ने बताया कि लगभग 10.55 करोड़ की लागत से इसका निर्माण हो रहा है। घाट की लम्बाई 130 मीटर होगी। घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं  के लिए पार्किंग व घाट पर सीढ़ियों के अलावा दिव्यांगजनों और वृद्धों के लिए रैंप होगा। शास्त्री घाट काशी नरेश के रामनगर किला के पास स्थित है। किला के पत्थरों से मिलते जुलते चुनार के स्टोन का भी घाट के निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा। इस पक्के घाट के निर्माण से गंगा पार  भी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।